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संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी, गौरव गोगोई ने की शुरुआत तो निशिकांत दुबे का आया जवाब

No Confidence Motion: संसद में क्या होता है! एक दूसरे को नीचा दिखाने का खेल ही तो होता है। पिछले कुछ सालों में संसद की जितनी गिरने गिरी है ,इससे पहले ऐसा नहीं था। लेकिन चूंकि हम मौजूदा समय के ही गवाह है ऐसे में इसी समय की चर्चा कर सकते हैं। मणिपुर मुद्दे को लेकर आज संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की और बड़े ही आदर के साथ संसद में अपनी बात रखी। उन्होंने यह भी बताया कि आखिर इस अविश्वास प्रस्ताव की जरूरत की क्यों आ गई? उन्होंने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री मोदी पिछले 80 दिनों से चुप्पी साधे रहे और मणिपुर जलता रहा। हमने कई बार उन्हें सदन में आने का आग्रह भी किया लेकिन वे नहीं आये। बाध्य होकर हमें यह प्रस्ताव लाना पड़ा।

इसके बाद गोगोई ने कई बातें भी कही। कई मुद्दों को उठाया। लेकिन उन्होंने यही कहा कि हम सब मणिपुर में शांति चाहते हैं और सबको मिलकर मणिपुर को बचाने की जरूरत है। चुप रहने से कुछ नहीं होगा। मणिपुर की सरकार ध्वस्त हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा ही मानता है। ऐसे में हम सबको मिलकर मणिपुर की शांति के लिए कुछ करने की जरूरत है। गोगोई ने कहा कि ऐसे समय में पीएम मोदी को सदन में आकर सब कुछ बताना चाहिए और मणिपुर की बेहतरी के लिए आगे कदम उठाना चाहिए।

gaurav gogoi

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गोगोई के भाषण के बाद बीजेपी की तरफ से निशिकांत दुबे खड़े हुए। उनकी तैयारी पहले से ही कराई गई थी। दुबे ने चर्चा के दौरान सोनिया गांधी की भी चर्चा की। उन्होंने सोनिया गांधी की चर्चा करते हुए कहा कि में उनका सम्मान करता हूं। सोनिया गांधी एक भारतीय नारी हैं लेकिन उनके दो ही काम है। एक काम है बेटे को सेट करना और दूसरा काम है दामाद को भेंट करना। मैं अपनी इस बात पर कायम हूं। इसके साथ ही दुबे ने नेशनल हेराल्ड का मुद्दा भी उठाया। सदन बोझिल हो गया। लेकिन सरकार की यही रणनीति ही थी।

लेकिन आज सदन में इसके अलावा भी बहुत कुछ हुआ। जैसे ही 12 से सदन में चर्चा की शुरुआत हुई प्रह्लाद जोशी ने सवाल उठाया कि जानकारी के मुताबिक तो राहुल गांधी को पहले भाषण देना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और गौरव गोगोई ही भाषण दे रहे हैं। जोशी के इस बयान के साथ ही गोगोई से जोशी की नोकझोंक हो गई। गोगोई ने कहा कि यह तो गजब का खेल है। स्पीकर दफ्तर की गोपनीयता भी बाहर आ रही है। स्पीकर के चैंबर में क्या-क्या बातें होती है उसे भी बाहर किया जा रहा है। यह तो गजब का खेल है। क्या यह सार्वजनिक करना ठीक है? उन्होंने यह भी कहा कि स्पीकर के चेम्बर में पीएम मोदी क्या बोलते हैं यह बात तो हम सार्वजनिक नहीं करते। इसके बाद अमित शाह भी गर्म हो गए। वे खड़े हुए और कहने लगे कि आप बताओं की प्रधानमंत्री क्या बात करते हैं ?

इसके बाद स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्पीकर ने कहा कि उनका दफ्तर भी सदन ही है लेकिन किसी को भी इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। जिसमें कोई तथ्य नहीं हो उस पर बात नहीं की जानी चाहिए।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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