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NDA vs INDIA Alliance Political News: BJP के ‘चक्रव्यूह’ में कैसे फंस गए दो लड़के, जानिए?

BJP vs INDIA Alliance Political News UP Today: INDIA गठबंधन की बागडोर यूपी के दो पुराने लड़कों के हाथ में है।  NDA गठबंधन से दो-दो हाथ करने के लिए सभी विपक्षियों ने हाथ भी मिला लिया है। लेकिन ये चुनावी जंग इतनी आसान नहीं है। क्योंकि बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश में अपना चुनावी चक्रव्यूह रच चुकी है। एक-एक सीट एक-एक बूथ पर बीजेपी ने ऐसा जाल बिछाना शुरु कर दिया है.. जिससे विरोधी पार्टियों के लिए 2024 की जंग आसान नहीं रह जाएगी।

दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 64 लोकसभा सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव के ऐलान से पहले ही यूपी के चप्पे-चप्पे का दौरा कर चुके हैं। खासकर उन जगहों पर जहां बीजेपी का जनाधार कमजोर रहा है।

चुनाव की तारीखों से पहले खुद प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से लेकर अब तक यूपी के 5 दौरे कर चुके हैं। जहां उन्होंने चार चुनावी रैलियां की हैं। जहां दो ऐसी जगह रैली की है जहां पिछली बार बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 10 से ज्यादा वर्चुअल कार्यक्रम में भी शामिल रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक महीने के भीतर 50 से ज्यादा जिलों में सभाएं कर चुके हैं। उनका भी फोकस उन्हीं जिलों में रहा है जहां बीजेपी का कमल थोड़ा कमजोर रहा है। 80 का टारेगट छूने के लिए बीजेपी के दो पुराने दोस्तों से भी हाथ मिलाया है। इनमें ओम प्रकाश राजभर (सुभासपा) और जयंत चौधरी (रालोद) शामिल है।

पिछले 3 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोटशेयर यानी जनाधार यूपी में लगातार बढ़ रहा है।  उत्तर प्रदेश में बीजेपी का जोश हाई है और अगर जनाधार को सीटों में बदल लिया तो बीजेपी के लिए 400 पार का लक्ष्य साधना आसार हो सकता है।  यही वजह है कि बीजेपी ने ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया है जिससे पार पाना विरोधियों को इस चुनाव में आसान नहीं होगा। चुनाव के हर चरण के लिए बड़ी ही बारिकी से तैयारी की गई है। जिसके मुताबिक बीजेपी सबसे पहले हर बूथ-हर घर के मंत्र से शाथ मतदाताओं के बीच पहुंचना चाहती है। ताकि वोटिंग भरपूर हो और राम लहर में इसका फायदा हो सके।  साथ ही लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटें जीतने के लिए चुनाव होने तक जातीय समीकरण पर पूरा काम करेगी। तो वही पार्टी युवा, महिला, शिक्षक, ट्रक डाइवर, टैक्सी ड्राइवर, डिलीवरी मैन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और संविदा कर्मियों के बीच मौजूदगी दर्ज कराएगी।

 यूपी की ऐसी 24 सीटों पर नज़र है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 20,000 से ही 10 सीटें जीतीं थी। ऐसी सीटें हैं जहाँ पर हार जीत का अंतर 25,000 से कम था वहाँ पर रहेगा बीजेपी का फ़ोकस। साथ ही 2019 में हारी हुई 14 सीटों को जीतने का पार करना लक्ष्य होगा। हालांकि बीजेपी का मुकाबला दो लड़कों से है, जो कि इस बार फुल तैयारी में दिख रहे हैं।

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