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Vivah Muhurat 2023: देवउठनी एकादशी से शुरू हुए शादी विवाह और मांगलिक कार्यक्रम, यहां देखे नवंबर और दिसंबर में मांगलिक कार्यक्रम की शुभ डेट

Vivah Muhurat 2023: देवोत्थान एकादशी से शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। तुलसी विवाह और श्रीहरि शालिग्राम का विवाह देवोत्थान एकादशी के दिन था। यह एक पावन दिन है और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है। देवउठनी एकादशी के बाद से शादी विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। नवंबर और दिसंबर में भी कई शुभ तिथियां हैं जो विवाह के लिए उपयुक्त हैं।

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23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी थी (Vivah Muhurat 2023) और देवोत्थान एकादशी से ही शादियों का सीजन भी शुरू हो चुका है। लंबे ब्रेक के बाद शादियों का सिलसिला एक बार फिर आने वाले 6 महीनों तक रहेगा। देवउठनी एकादशी के अभिजीत मुहूर्त में शादियों का संयोग बना था। शास्त्रों में इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। सनातन धर्म में शादियों (Vivah Muhurat 2023) का शुभ मुहूर्त भी शुरू हो गया है। 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक वैवाहिक कार्यक्रम होंगे। बीते कल देव निंद्रा से जाग गए हैं और इसी के साथ शादी-विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य भी शुरू हो सकेंगे। दूसरी तरफ तुलसी विवाह भी संपन्न हो चुका हैं, जिसमें भगवान शालिग्राम और मां तुलसी (tulsi) का विवाह विधि विधान से किया जाता है।

एकादशी पर होगा तुलसी विवाह

देवोत्थान एकादशी (Vivah Muhurat 2023) को देव प्रबोधनी के नाम से भी जानते हैं। यह बहुत ही पावन दिन है, 23 नवंबर यानि गुरुवार के दिन से श्रीहरि शयन जाग गयें और उनके जागते ही चातुर्मास की समाप्ति भी हो गयी। चातुर्मास के समाप्त होने के बाद से ही शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

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चातुर्मास का होगा समापन

देवउठनी एकादशी (Vivah Muhurat 2023) के साथ शादी विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो गए हैं। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान श्रीहरि क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। यही कारण है कि इस तिथि से सभी मांगलिक कार्य भी बंद हो जाते हैं। वहीं, देवउठनी एकादशी तिथि वह तिथि है जब भगवान विष्णु अपनी निद्रा (Vivah Muhurat 2023) से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है। भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं।

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नवंबर दिसंबर 2023 विवाह मुहूर्त

देवउठनी एकादशी के बाद मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी तिथि से चतुर्मास अवधि खत्म (Vivah Muhurat 2023) हो जाती है। भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी अपने आप में एक अबूझ मुहूर्त है। इसका मतलब है कि इस दिन सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य बिना मुहूर्त देखे प्रारंभ किए जा सकते हैं। देव उठनी एकादशी को तुलसी व शालिग्राम का विवाह (Vivah Muhurat 2023) भी होता है। शिप्रा रिवेरा मंदिर के पंडित प्रमोद तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11:03 से शुरू होगी। इसका समापन 23 नवंबर रात 9:01 पर होगा। पंडित जीवेश के मुताबिक, नवंबर में 23 नवंबर, 24 नवंबर, 27 नवंबर, 28 नवंबर, 29 नवंबर और दिसंबर में 4 दिसंबर, 6 दिसंबर, 7 दिसंबर, 8 दिसंबर, 14 दिसंबर, 15 दिसंबर यें सभी शादी और मांगलिक कार्य की शुभ तारिख हैं।

Prachi Chaudhary

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