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CCTV कैमरे में आई नई टेक्नोलॉजी! चोर चोरी करना जाएंगे अब भूल

New Technology CCTV Camera :सुरक्षा के लिए आज के वक्त में बहुत जरूरी गैजेट बन गया है. चोर हो या उठाईगीरा सभी पर CCTV कैमरे की सहायता से नजर बनाई जा सकती है.

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CCTV Camera अधिकतर उन स्थानों पर नजर रखने के लिए लगाए जाते हैं, जहां आप हमेशा फिजिकली उपस्थित नहीं हो सकते. CCTV कैमरा की मदद से इन स्थानों की यूजर्स निगरानी तो रखते ही हैं. साथ में उनका सामान भी सुरक्षित रहता है. लेकिन CCTV कैमरे को करने के लिए इंटरनेट और WIFI की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस की जाती है. CCTV कैमरा लगने के बावजूद भी चोर चोरी करके चले जाते हैं. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देंगे जो आपके लिए बेहद मददगार साबित होगी.

रिटेल और सिक्योरिटी के लिए भी उपयोगी हो सकती हैं टेक्नोलॉजी

स्टैक्यू टेक्नोलॉजी की एंट्री से सीसीटीवी कैमरों ( CCTV Camera) की टेक्नोलॉजी (technology) में वृद्धि हुई है। इस नई टेक्नोलॉजी (technology) का उपयोग चोरी, दुकानों में चोरी और बचाव के लिए किया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी की मदद से लोग जान सकेंगे कि ऑफिस (office) में कितने लोग हैं और वो क्या कर रहे हैं। यह रिटेल और सिक्योरिटी (retail and security) के लिए उपयोगी हो सकती है।

क्या हैं ये नई टेक्नोलॉजी

सीसीटीवी कैमरे (cctv camera) से आगे की टेक्नोलॉजी (technology) आ चुकी है, जिसकी नजर से कोई नहीं पाएगा। दरअसल स्टैक्यू टेक्नोलॉजी (staqu technology) की तरफ से सीसीटीवी कैमरों (cctv camera) की आगे की टेक्नोलॉजी (technology) पेश की गई है। आसान भाषा में कहें, तो मान लीजिए आपके ऑफिस में 20 कैमरे लगे हैं, तो आप एक वक्त में किस कैमरे पर क्या चल रहा है, वो नहीं देख पाएंगे। इससे लिए आपको एक व्यक्ति को कैमरा कंट्रोल रूम में रखना होगा, लेकिन सैटेक्यू टेक्नोलॉजी (staqu technology) इन सभी 20 कैमरों को सिंगल हैंडेड कंट्रोल (single handed control) कर सकती है। यह कस्टमर बेस एआई-पासवर्ड (AI Password) वीडियो एनालिटिक्स सर्विस (video analytics service) है।

काफी मददगार साबित होगी ये टेक्नोलॉजी
इस टेक्नोलॉजी (technology) की एंट्री से चोर, किसी भी स्टोर या दुकान में चोरी करना भूल जाएंगे। इस टेक्नोलॉजी की मदद से चोरी होने पर अलर्ट (alert) दिया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी (technology) से जान पाएंगे कि किस टाइम आपके ऑफिस में कितने लोग थे और उस वक्त क्या खरीद रहे थे? मतलब आपके एक कमांड (commond) पर आपके टेबल पर जारी जानकारी मिल जाएगी। इससे आपका काफी वक्त बचेगा। यह छोटे बिजनेस और सिक्योरिटी (business and security) के लिहाज से काफी मददगार साबित हो सकती है।

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स्टैक्यू टेक्नोलॉजीज (staqu technologies) के CEO अतुल राय ने बताया कि रिटेल क्लाइंट्स (Retail clients) की जरूरत के हिसाब से AI को इंटीग्रेट करने और जार्विस को कस्टमाइज (costumise) किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन रिटेल ऑपरेशंस (offline retail options) को डिजिटल करने और क्लाइंट्स (clints) को खास इनसाइट्स उपलब्ध कराने की अपनी चाहत में उन्होंने रिटेल बिजनेस (retail business) के लिए एक सॉल्यूशन (solution) तैयार किया।

टेक्नोलॉजी को कहा कहा इस्तेमाल किया जा चुका हैं
इस टेक्नोलॉजी में मौजूदा CCTV कैमरा को स्टैक्यू टेक्नोलॉजीज के जार्विस सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट करके ऐसा संभव हो सका। यह सॉफ्टवेयर फुटफाल एनालिटिक्स, रियल-टाइम ऑक्यूपेंसी (real time occupancy), इफिशिएंट क्यू मैनेजमेंट (efficient Q management) और कम्प्रेहेंसिव कस्टमर जर्नी एनालिसिस जैसे कई जानकारियां उपलब्ध करा सकता है। इसे रेमंड, कैफे कॉफी डे, IBM, तेलंगाना पुलिस, बिहार पुलिस (bihar police), उत्तर प्रदेश पुलिस (uttar Pradesh police) और चुनाव आयोग ने इस्तेमाल किया है।

कितने तरीके के होते हैं CCTV कैमरे
मुख्य तौर पर CCTV कैमरे 3 प्रकार के होते हैं. जरूरत के मुताबिक आप इन तीनों ही कैमरे के VARIENTS में से अपने लिए चुनाव कर सकते हैं. साथ ही इन तीनों camera का video DVR में capture होता है. ऐसे में कैमरा खराब होने पर अगर बदलने की नौबत आती है तो आप किसी भी camera को चुन सकते हैं.

Prachi Chaudhary

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