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कोरोना से भी खतरनाक निपाह वायरस, निपाह वायरस से मौत निश्चित, संक्रमण से बचना है तो फॉलो करें ये 5 बातें

केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) फैलता जा रहा है कई मामले सामने आ चुके हैं, यह वायरस जानवरों से इंसानों और इंसानों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए खतरा काफी ज्यादा है।

निपाह वायरस (Nipah Virus) का खतरा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है. बीते कुछ दिनों से इससे पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस से पीड़ित लोगों में मृत्यु दर कोरोना वायरस से होने वाली मौतों से भी अधिक है. यानी की कोरोना की तुलना में जो लोग निपाह वायरस (Nipah Virus) की चपेट मे आ गए हैं उनकी मौत की आशंका कहीं ज्यादा है. बता दें केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। यहां निपाह वायरस के बढ़ते केस की वजह से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। निपाह वायरस (Nipah Virus) को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को आने वाले रविवार यानी 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसमें स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। कोझिकोड जिला प्रशासन के मुताबिक पूरे हफ्ते सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लास दी जा सकती है। इस बाबत केरल की स्वास्थ्य मंत्री (health minister) वीना जॉर्ज ने 15 सितंबर यानि शुक्रवार को कहा कि अब तक निपाह वायरस (Nipah Virus) से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की संख्या बढ़कर 1080 पहुंच गई है।

जानकारी के मुताबिक बता दें निपाह वायरस (Nipah Virus) के ताजा मामलों से केरल में दहशत फैल गई है। अब तक नए 6 मामलों की पुष्टि हुई है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। निपाह वायरस (Nipah Virus) से खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह कई प्रकार से फैलता है। जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में संक्रमण की पुष्टि रिसर्च पेपर्स में हो चुकी है। निपाह (Nipah Virus) से संक्रमित जानवरों जैसे- चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से भी वायरस फैलता है। भारत में साल 2001 से अब तक निपाह वायरस (Nipah Virus) के कम से कम 5 आउटब्रेक हो चुके हैं। पहला आउटब्रेक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था। बाकी सभी केरल में। निपाह वायरस का किल रेट कोरोना से काफी अधिक है यानि की संक्रमण होने के बाद मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है। केरल के 6 में से 2 मरीजों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि निपाह वायरस (Nipah Virus) कैसे फैलता है और संक्रमण से बचाव के लिए आप क्यार-क्याी सावधानी बरती जा सकती हैं।

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निपाह वायरस क्या है
आपको बता दें निपाह वायरस (Nipah Virus) मुख्य रूप से जानवरों में फैलने वाली बीमारी है जो मनुष्य को भी शिकार बना रही है। निपाह वायरस (NiV) को सन् 1998-99 में पहली बार पहचाना गया था। मलेशिया (Malaysia) और सिंगापुर में सुअर पालने वाले किसानों में यह वायरस फैला था। 2001 के बाद, भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) में भी निपाह वायरस (Nipah Virus) के मामले सामने आने लगे।

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निपाह वायरस कैसे फैलता है, जान लीजिए
• निपाह वायरस (Nipah Virus) मनुष्य को सीधे संपर्क से संक्रमित करता है। यदि संक्रमित जानवर के शारीरिक द्रव्यों (लार, खून आदि) के संपर्क में आए तो इंफेक्शन हो सकता है।
• फ्रूट बैट्स को निपाह वायरस (Nipah Virus) का मेन कैरियर कहा जाता है।
• चमगादड़ों के मुंह लगाए फल खाने से भी इंसानों को निपाह वायरस (Nipah Virus) हो सकता है।
• इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलने के भी केस सामने आए हैं।
निपाह वायरस के लक्षण क्याा हैं, कौन सी बीमारी होती है
मिली जानकारी के मुताबित, मनुष्य में निपाह वायरस (Nipah Virus) के लक्षण संक्रमण के 5-14 दिनों में भीतर नजर आने लगते हैं। शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द और बुखार शामिल हैं। कुछ मरीजों को सांस से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। इसके बाद थकान, मानसिक तनाव जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। 24-48 घंटों में ये लक्षण मरीज को कोमा में पहुचा सकते हैं। निपाह वायरस (Nipah Virus) से आखिर में इंसेफेलाइटिस ( encephalitis) (दिमाग फूल जाना) और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (acute respiratory distress syndrome) बीमारी होती है। मरीज की मौत इन्हीं 2 बीमारियों के कारण से होती है।


निपाह वायरस का इलाज क्याक है, कोई वैक्सीन है?
निपाह वायरस (Nipah Virus) की मृत्युर-दर काफी अधिक (40-80%) है। जब की कोविड की 2-3 % थी. इस वायरस के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं है। इलाज भी लक्षणों के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर मरीजों को एंटी-विट्रोलिक ड्रग्स (anti vitrolytic drugs) दिए जाते हैं। प्रयोग के तौर पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट (monoclonal antibody treatment) शुरू किया है। अगले 100 दिन में वैक्सीन बनाने की योजना बनाई गई है.
क्या हैं निपाह वायरस से बचाव का तरीका
जानवरों या पक्षियों के झुठे फल न खाएं।
• चमगादड़ (Bat) व अन्य पक्षियों से दूरी बनाए रखें।
• चमगादड़ (Bat) से प्रभावित क्षेत्रों में बनी ताड़ी का सेवन न करें।
चूंकि निपाह वायरस (Nipah Virus) भी कोविड की तरह इंसानों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए इसका प्रिवेंशन प्रोटोकॉल भी कोरोना जैसा है।

ये करें फॉलो टिप्स:
• डबल मास्क पहनें
• ठीक से हाथ धोएं
• PPE किट्स पहनकर अस्पताल जाएं

Prachi Chaudhary

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