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अब बढ़ेगी इंडिया और एनडीए की लड़ाई, मुंबई की बैठक में इंडिया का हो सकता है विस्तार!

INDIA and NDA: अब इसमें कोई शक नहीं कि 2024 का चुनाव महासंग्राम जैसा होने जा रहा है। अब प्रधानमंत्री मोदी (NDA) को भी लगने लगा है अगला खेल आसान नहीं है। पीएम मोदी ने जिस कांग्रेस को जमींदोज करने की पूरी कोशिश की थी वह जीवित हो चुकी है और जीवित भी ऐसा कि उसमें ताकत भी आ गई है और जोश भी। नरेंद्र मोदी को यह भी लगने लगा है कि जिस राहुल गाँधी को पप्पू बनाने पर करोड़ाें रुपये खर्च किये गए वह भी अचानक उसी पप्पू को आधार बनाकर आगे निकलते जा रहे है। वह दौड़ रहा है और चुनौती भी दे रहा है। राहुल ताकतवर भी होता गया है। वह तो जवान था ही लेकिन उसकी जवानी में निखार आने लगा है क्योंकि उसके हौसले बुलंद हैं। जोश इतना कि सामने पहाड़ पर भी चढ़ने को तैयार! यह सब पहले कहाँ था!

India and NDA will increase

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प्रधानमंत्री मोदी को यह भी लगने लगा है कि राहुल तो सचमुच पढ़ा लिखा निकल गया। हमने पूरी कोशिश की लेकिन वह पप्पू नहीं बन सका। पीएम मोदी को यह भी एहसास है कि किसी भी पढ़े लिखे लाेगों को ज्यादा दिनों तक पप्पू नहीं बनाया जा सकता। असली पढ़े लिखे को बहुत दिनों तक चुनौती नहीं दी जा सकती।

अब प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह (NDA) को बहुत कुछ लगने लगा है। जानकार कह रहे हैं कि अगर इस बार बीजेपी की जीत नहीं होती है तो बीजेपी की ठीक वही स्थिति हो सकती है जो कांग्रेस की होती रही है। सबसे पहले तो पार्टी में टूट हो सकती है। कई नेता पार्टी से बाहर निकल सकते हैं। कई लोग दूसरी पार्टी में जाकर अपनी जान बचा सकते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिनको पता चल गया है कि उनकी अपनी कोई राजनीतिक पहचान नहीं है सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव जीतकर आ गए थे। ऐसे बहुतेरे लोग पहले से ही डरे हुए हैं और जो लोग बीजेपी को चलाने का दंभ भर रहे हैं उन्हें भी अब इस बात की आशंका घेर रही है कि प्राकृतिक नियमों के मुताबिक अगर राजनीति पलट गई तो क्या होगा? वे कहाँ जायेंगे ? क्या करेंगे और फिर उनके साथ भी क्या कुछ होगा? बीजेपी के भीतर भी इन सभी बातों पर खूब चर्चा चल रही है।

चर्चा तो यह भी चल रही है कि हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की कहानी को लोग समझ गए हैं। लोग यह भी जान गए हैं कि बीजेपी की गोदी मीडिया ने ही देश को खराब किया है। लोकतंत्र को कमजोर किया है। लोगों में एक दूसरे के खिलाफ नफरत भी पैदा किया है। कह सकते हैं कि बीजेपी के सारे खेल को जनता अब समझ रही है। समझदारी तो उन अंधभक्तों की भी बढ़ी है जो आँख मूंदकर देश के किसी भी नागरिक पर हमला करते रहे हैं और उसे देशद्रोही करार करते रहे हैं। अब लोग इन सभी बातों को समझ गए हैं।

NITISH KUMAR ON MUMBAI MEETING

इन तमाम तरह की समझदारी के बीच एक बड़ी खबर यह आ रही है कि आज से तीन दिन बार विपक्षी एकता की बैठक होने जा रही है। यह इंडिया वालों की तीसरी बैठक है। अभी तक विपक्ष का कुनबा 26 दलों का है। लेकिन अब जो खबर मिल उसके मुताबिक़ पांच से ज्यादा दल और भी इस इंडिया में शामिल होने को आतुर हैं। इनमें से कुछ दल पूर्वोत्तर भारत के हैं तो कुछ हिंदी पट्टी के है और कुछ दक्षिण भारत के हैं। नीतीश कुमार ने भी माना है कि हमारा कुनबा बढ़ने जा रहा है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि सत्ता में बैठे लोग और गोदी मीडिया वाले क्या भ्रम फैला रहे हैं हमारी नजर नहीं है। हम न उसे देखते हैं और नहीं परखते हैं। हमारी नजर तो लक्ष्य पर है। चुनाव आने दीजिये सब कुछ साफ़ हो जायेगा।

नीतीश की बातों में कितना दम है उसे परखने की जरुरत है। एक तरफ कांग्रेस की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है तो दूसरी तरफ इंडिया के सभी घटक दल बीजेपी के साथ लड़ने को पूरी तरह से तैयार है। प्रकृति तो यही कहती है कि एक सीमा के बाद सबका ढलान होता है। बीजेपी को पीएम मोदी और शाह की जोड़ी ने आगे बढ़ाने का काम किया है। यह बीजेपी (NDA) का अब तक का सबसे ऊंचाई वाला अमृत काल है। बीजेपी ने जो चाहा सो पाया। ऐसा होता नहीं दिख रहा है। बीजेपी को भी इस पर मंथन करने की जरूरत है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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