PM Modi Karnataka Visit: प्रधानमंत्री मोदी आज कर्नाटक दौरे पर होंगे। अभी से दो घंटे बाद पीएम मोदी शिवमोगा पहुंचेंगे और शिवमोगा हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। इस एयर पोर्ट को 450 करोड़ की किया गया है। इसके साथ ही मोदी बेलगामी भी जायेंगे जहां 2700 करोड़ की योजनाओं का सौगात देंगे। यह सब पूर्व से निर्धारित है और इसकी बड़े जोर से तैयारी भी की गई है। लेकिन असली खेल योजनाओं का उद्घाटन भर नहीं है। आगामी मई महीने में वहाँ चुनाव होने हैं और कहा जा रहा है कि इस बार कर्नाटक में बीजेपी को कांग्रेस और जेडीएस से भारी चुनौती मिलने की आशंका है। बीजेपी किसी भी सूरत में कर्नाटक को खोना नहीं चाहती। कर्नाटक गया तो दक्षिण भारत से बीजेपी की राजनीति प्रभावित होगी। कर्नाटक बीजेपी के लिए एक तरह से राजनीति का मुख्यद्वार है। गढ़ है और इस गढ़ को बचाने के लिए पार्टी कुछ भी करने को तैयार है।
पहले योजनाओ पर चर्चा कर ली जाए। शिवमोगा में पीएम मोदी पहले एयर पोर्ट का उद्घाटन करेंगे और राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे। इसके बाद इसी शिवमोगा में दो रेलवे लाइन का शिलान्यास करेंगे। इस रेल लाइन से बीजेपी को बड़ी उम्मीद है। कहते हैं कि जिस तरह से शिवमोगा -शिकारपुरा – रणेबन्नूर रेल लाइन और कोटेगांगुरु रेलवे कोचिंग डिपो की शुरुआत सरकार करने वाली है इससे बीजेपी को बड़े स्तर पर चुनावी लाभ मिलने की संभावना है। इसकी मांग कई सालों से की जा रही थी लेकिन अब जाकर इसकी शुरुआत की जा रही है। चुनावी महीने है इसलिए इसको लेकर काफी टिप्पणी भी की जारी है। विपक्ष वाले कह रहे हैं कि अभी जो कुछ भी हो रहा है इसकी शुरुआत अगर साल दो साल पहले की जाती तो शायद अभी तक यह तैयार भी हो गया रहता। लेकिन इन चुनाव के वक्त इस तरह की परियोजना की शुरुआत चुनावी खेल से ज्यादा कुछ भी नहीं। हो सकता है कि विपक्ष का आरोप सही भी हो लेकिन एक बात सच है कि यह परियोजना पूरी हो जाती है तो इलाके के काफी लोगो की सुविधाएं बढ़ जाएगी। इन इलाकों में लिंगायत समाज के लोग बड़ी तादात में रहते हैं और लिंगायत समाज पिछले कई सालों से बीजेपी के साथ खड़ा रहा है। इधर एक और घटना घटी।
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लिंगायत समाज के बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की राजनीतिक पारी अब ख़त्म हो गई है। पिछले दिनों ही उन्होंने राजनीती से सन्यास लेने की बात कही है। कहा जा रहा है कि लिंगायत समाज के लोगो को शांत करने के लिए मोदी सरकार ये परियोजनाएं ला रही है। बता दें कि इस बार येदियुरप्पा के निष्क्रिय होने के बाद मोदी सरकार भीतर से कुछ ज्यादा ही परेशान है। इधर कांग्रेस बड़े पैमाने पर कर्नाटक में सत्ता की लड़ाई लड़ने को तैयार है। कांग्रेस ने लिंगायत समाज के साथ ही बोकलिंगा समाज में भी अपनी पैठ बढ़ाया है। लिंगायत समाज के कई बड़े संत जहां कांग्रेस नेताओं को अपनाया है वही बोकलिंगा समाज के कई बड़े नेता कांग्रेस के साथ जुड़े हैं। ये सभी बातें बीजेपी को परेशान किये हुए है। कर्नाटक की महत्ता जितना बीजेपी के लिए है उतनी ही कांग्रेस के लिए भी। भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस की पहली प्राथमिकता कर्नाटक में जीत हाशिल करने की है। अगर इस बार कांग्रेस चुकती है तो कांग्रेस की न सिर्फ दक्षिण भारत में समाप्ति मानी जायेगी बल्कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा भी बेकार ही माना जाएगा।