राजनीति

कांग्रेस का एक मात्र सहारा है समाजवादी पार्टी, अखिलेश के बयान से मची खलबली!

Political News: दो लड़कों में अब दरार आ चुकी है, जी हां वैसे तो इंडिया गठबंधन का गठन भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए किया गया था, लेकिन गठबंधन की गांठ धीरे धीरे खुलती जा रही हैं। पहले आम आदमी पार्टी फिर ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और अब समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन से अपने आपको दूर करती हुई नजर आ रही है।

वैसे तो इंडिया गठबंधन को अब आप कांग्रेस कहकर भी पुकारेंगे तो गलत नहीं होगा, क्योंकि गठबंधन के नाम पर सिर्फ एक पार्टी है…जो केंद्र में बीजेपी को हराने के सपने देख रही है। दरअसल आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का दावा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच में सबकुछ ठीक चल रहा है। लेकिन अखिलेश यादव ने साफ कह दिया है कि पहले सीटों का गठबंधन होगा, उसके बाद ही यात्रा में समाजवादी पार्टी शामिल होगी। इससे पहले भी 7 साल पहले दोनों के बीच में गठबंधन हुआ था, जब यूपी में विधानसभा चुनाव था और कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया था। दोनों नेताओं ने लखनऊ में विशाल रोड शो के ज़रिए यूपी के दो लड़कों का नारा दिया था। अखिलेश ने तो यहां तक कह दिया था कि राहुल और वो एक साइकिल के दो पहिए जैसे हैं।

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दरअसल आपको बता दें कि साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 311 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 47 सीटों पर जीत हासिल की।  जबकि 114 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 384 सीटों पर लड़ते हुए 312 सीट पर जीत हासिल की।  मोदी-योगी लहर में राहुल-अखिलेश की जोड़ी बड़ी मुश्किल से 50 सीट का आंकड़ा पार कर पाई थी।  समाजवादी पार्टी को करीब 21% और कांग्रेस को करीब 6% वोट मिले थे।

ज़ाहिर है  इन चुनावी आंकड़ों का असर राहुल-अखिलेश के रिश्ते पर भी पड़ा।समाजवादी पार्टी को कांग्रेस का जनाधार कमज़ोर लगा और नतीज़ा ये हुआ कि चुनाव में हार के लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बाद दोनों दलों का सिय़ासी याराना चुनाव के साथ ही खत्म हो गया।

मगर अब जबकि इतनी उम्मीदों के साथ तैयार किये गये I.N.D.I.A गठबंधन से ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने अपनी पार्टी को अलग कर लिया है।ऐसे में बड़े विपक्षी दल के तौर पर यूपी में अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए एक मात्र सहारा बचे थे। मगर ऐन वक्त पर अखिलेश भी राहुल का हाथ छोड़ते नज़र आ रहे हैं।

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अगर अखिलेश यादव भी राहुल गांधी का हाथ छोड़ देते हैं तो ये साफ हो जाएगा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी कुछ ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। क्योंकि कांग्रेस में नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। बड़े बड़े नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है और भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। दिन नेताओं ने साथ छोड़ा है उनमें कई सारे तो ऐसे हैं जो किसी समय पर प्रियंका और सोनिया के करीबी हुआ करते थे…. लेकिन आज करीबी ही भारतीय जनता पार्टी के लिए हुंकार भरते हुए नजर आ रहे हैं।

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