नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक अनोखी शादी हई. इस शादी में दूल्हा मेंढक और दूल्हन मेंढकी को बनाया गया था. विश्व हिंदू महासंघ के लोगों ने मंत्रोच्चारण के साथ पूरी रीति-रिवाज से मेंढक और मेंढकी की शादी कराई. इस विवाह के पीछे भी अजब टोटका है.
माना जाता है कि मेंढक-मेंढकी की इस शादी का मौसम कनेक्शन है. मानसून के दौरान मेंढक बाहर निकलता है और टर्राकर मेंढकी को आकर्षित करता है. मेंढक-मेंढकी की शादी एक प्रतीक के तौर पर कराई जाती है जिससे वो दोनों मिलन के लिए तैयार हो जाएं और बारिश आ जाए. कुल मिलाकर लोगों इंद्रदेव को खुश करने के लिए ये शादी करवाई जाती है.
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गढ़वा जिले के बाना गांव में पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए अच्छी बारिश के लिए ग्रामीणों ने मेंढक और मेढकी की सोमवार को बारात निकाली. यह बाना बाजार से शुरू होकर देवी मंडप सती स्थान के पास पहुंची, जहां परंपरा के अनुसार दोनों की शादी ढोल नगाड़े और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ कराई गई. बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने द्वार पूजा से लेकर विवाह तक के गीत गाए.
हजारों महिला और पुरुषों की उपस्थिति में इस पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया. पंचायत के मुखिया विजय सिंह ने बताया- ‘इसकी शुरुआत बाना गांव के जमींदार बाबू महेश्वर नाथ सिंह ने की थी. कहा जाता है कि 1966 में इलाके में भयंकर अकाल पड़ा था.’