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क्या पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा असर ?

Political News: पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि इसका असर लोकसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा ? हालांकि बीजेपी और एनडीए से जुड़े लोग कह रहे हैं कि पांच राज्यों में चुनाव जिस तरह के आये हैं उससे साफ़ है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और मोदी का मुकाबला कोई नहीं कर पायेगा। खासकर हिंदी पट्टी में बीजेपी के सामने कोई ठहर नहीं सकता है। बीजेपी के लोग यह भी कहते हैं कि पांच राज्योंके सैंपल को ही लीजिये तो पता चल जाता है कि पांच में तीन राज्यों में बीजेपी सफलता पूर्वक सरकार बना लेती है। राजस्थान में कांग्रेस को पछाड़ देती है जबकि छत्तीसगढ़ में एक मजबूत सरकार भी बीजेपी के सामने धराशायी हो जाती है। छत्तीसगढ़ मरे तो एग्जिट पोल भी कांग्रेस की सरकार बना रही थी लेकिन कांग्रेस बुरी तरह से हार गई। ऐसे में मोदी के सामने अभी कोई टिक नहीं सकता। आगामी लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की बम्पर जीत होगी और कांग्रेस समेत इंडिया की राजनीति को बड़ा धक्का लगेगा।


कुछ जानकार भी इसी तरह की बातें कर रहे हैं लेकिन जानकार यह भी कहते हैं कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार तो पहले से चल रही है। बड़ा खेल यह है कि पिछले चुनाव में बीजेपी वहां हार गयी थी लेकिन इस बार बीजेपी को कैसे जीवन दान से आगे लाभ हो गया यह समझ से परे की बात है। जानकार यह भी कहते हैं कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने की बात भी समझ से परे है। अगर मान भी लिया जाए कि राजस्थान में रिवाज की परिपाटी है तो भी अशोक गहलोत के खिलाफ कोई बड़ा एंटी इंकम्बेंसी नहीं थी। लेकिन जनता का मिजाज है कुछ भी हो सकता है। ऐसे में देखना यह है कि राजस्थान के युवाओं ने किधर वोट दिया है। अगर युवाओं ने बीजेपी का साथ दिया है तो निश्चित तौर पर यह जीत बीजेपी के लिए बड़ी जीत है और इसका असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।


लेकिन बिहार से जदयू नेता ने पांच राज्यों के परिणाम पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि यह परिणाम भले ही अभी बीजेपी के पक्ष में गया है लेकिन लोकसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा। बीजेपी की हार होगी और बड़ी हार होगी। और यह कोई रॉकेट साइंस भी नहीं है। जदयू क्र राष्ट्रिय महासचिव राजीव रंजन ने कहा है कि अभी बीजेपी के लोग इत्र रहे हैं और डफली बजा रहे हैं। लेकिन वे नहीं जानते कि लोकसभा चुनाव उनके लिए भारी पड़ने वाला है। रंजन ने कहा है कि देश का चुनावी इतिहास यही कहता है कि लोकसभा और विधान सभा चुनाव में मतदाता अलग -अलग मुद्दों पर वोट डालते हैं इसलिए लोकसभा चुनाव में भारी बदलाव आप देख सकते हैं।


रंजन ने कहा की 2014 के चुनाव में बीजेपी को बिहार और दिल्ली में भारी जीत मिली थी। लोकसभा च्युनाव में भी उसकी सरकार बनी थी। लेकिन मात्र छह महीने से साल भर के भीतर दिल्ली और बिहार में बीजेपी की क्या हालत हुई यह बीजेपी वालों को भी पता है। वे छुपते फिर रहे थे। इसीतरह ओडिशा में भी लोकसभा के साथ ही हुयुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी। इसलिए तीन राज्यों में जीत का लाभ बीजेपी को लोकसभा में नहीं मिल सकता। बीजेपी को हर राज्यों में मजबूत क्षत्रपों से टकराना है जहाँ अलग -लग तरह की राजनीति है और लोगों के मिजाज भी।
रंजन ने कहा कि तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उसका प्रबंधन ठीक नहीं था। अगर इंडिया गठबंधनके साथ कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ती तो आज यह सब नहीं होता और न ही बीजेपी की तीन राज्यों में सरकार बनती। नीतीश कुमार की रणनीति मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में काम कर जाती अगर कांग्रेस वाले जदयू से संपर्क करते।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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