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उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे श्रमिकों को दी जा रही सूखे मेवे, मल्टीविटामिन, एंटीडिप्रेशन की दवा

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से 41 मजदूर फंस गए जिनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 9वां दिन है. रेस्क्यू अभियान की जिम्मेदारी पांच एजेंसियों के पास है. इन सभी एजेंसियों ने मजदूरों को निकालने के लिए पांच प्लान बनाए हैं. वहीं केंद्र सरकार ने भी सभी एजेंसियों के द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है. सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को लगातार खाने पीने की चीजें पहुंचाई जा रही हैं. सभी श्रमिकों को खाने के लिए मल्टीविटामिन और अवसादरोधी दवाओं के साथ मुरमुरे और सूखे मेवे भेजे जा रहे हैं. जिससे सभी श्रमिक टनल में सुरक्षित रहें. श्रमिको को ये सभी सामान एक चार इंच के पाइप से भेजा जा रहा है. इसके साथ ही टनल में बिजली को भी चालू कराया गया है. सबसे हैरानी की बात यह है कि सभी श्रमिक जहां फंसे है वहां रोशनी है. इसके साथ ही एक पाइपलाइन भी है. पाइपलाइन के माध्यम से सभी श्रमिकों को पानी मिल रहा है।

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आपकों बता दें कि उत्तरकाशी के जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित सिलक्यारा सुरंग जो केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम के दर्शन करने के लिए हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क ऑल वेदर परियोजना का हिस्सा है. सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है जो ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा गिर गया और सुरंग के अंदर सभी श्रमिक फंस गए. श्रमिकों को निकालने के लिए आज 9वां दिन रेस्क्यू अभियान जारी है. 9 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई अच्छी सफलता नहीं मिली है।

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सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने बताया कि श्रमिकों को पहले ही दिन से अवसादरोधी के साथ साथ मल्टीविटामिन की दवाएं और मुरमुरे सूखे मेवे भेजे जा रहे हैं. अनुराग जैन ने बताया कि सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर के हिस्से में पानी और बिजली की व्यवस्था है. केंद्र सरकार ने इससे पहले शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को बचाने के लिए 5 विकल्पों पर कई एजेंसियों के साथ चर्चा की गई थी. ONGC (तेल और प्राकृतिक गैस निगम), NHIDCL (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड), SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) THDC और RVNL को सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही BEO और भारतीय सेना की निर्माण शाखा भी श्रमिकों को बचाने में मदद कर रही है.

इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स सिल्क्यारा भी सुरंग पहुंचे है. प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में सुरंग में फंसे श्रमिक के लिए पूजा-अर्चना की है. उन्होंने बताया कि कल से बहुत काम किया जा चुका है. यह श्रमिकों को बचाने के लिए बहुत अहम है. हम उन सभी श्रमिकों को बाहर निकालने जा रहे हैं. अभी तक बहुत अच्छा काम हो रहा है. हम और हमारी पूरी टीम यहां पर मौजूद है हम सब मिलकर श्रमिकों को बाहर निकालेंगे इसका पर समाधान ढूंढ रहे है. वहीं प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की हैं. पीएम मोदी ने सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए चल रहे राहत बचाव कार्यों की जानकारी ली है।

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प्रधानमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से जरूरी बचाव के उपकरण और श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों के सहायता से सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता है श्रमिकों की जान बचाना. उनको बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. श्रमिकों के खाने के लिए 6 इंच के पाइप के जरिए ऑक्सीजन, खाना पानी भेजने की कोशिश की जा रही हैं. 42 मीटर का काम हो गया है बहुत जल्द ही उन तक पहुंचा जा सकता है. सुरंग के अंदर अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन से 800 और 900 मिमी व्यास के हल्के स्टील पाइप डालने की कोशिश कर रही है. वहीं रेस्क्यू करते समय मशीन में खराब हो गई है. रेस्क्यू करने वाली टीम दूसरे विकल्प पर काम कर रही हैं.

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Ashok Kumar

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