ट्रेंडिंगन्यूज़सेहतनामा

IVF के बाद भी क्यों होता है मिसकैरेज? जान लें वजह और इससे बचने के तरीके

IVF Treatment: आज के दौर मे महिलाओं को नैचुरली कंसीव करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इस कारण से वो IVF और IUI करवाने के लिए मजबूर जाती हैं। इन फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बाद केमिकल प्रेग्नेंसी भी हो सकती है।

कुछ कपल्स के लिए कंसीव करना एक दर्द भरा अनुभव साबित होगा। ऐसे कुछ मामलों में कपल्स को IVF करवाने की सलाह दी जाती है। आपने केमिकल प्रेग्नेंसी के बारे में भी सुना होगा लेकिन क्या आप IVF और केमिकल प्रेग्नेंसी के बीच का फर्क जानते हैं?

Why does miscarriage occur even after IVF?

Read: जिन महिलाओं को मासिक धर्म में होता है भयंकर दर्द, उन्हें प्रतिदिन करने चाहिए ये 5 योगासन

आर्टिफिशियल तरीके से कंसीव करने के 2 प्रकार होते हैं IVF और IUI हालांकि, इन 2 फर्टिलिटी ट्रीटमेंटों के बाद केमिकल प्रेग्नेंसी होना आम बात है।

कभी-कभी IVF या IUI करवाने के बाद गर्भधारण तो हो जाता है लेकिन वह प्रेग्नेंसी ज्यादा वक्त तक नहीं चल पाती है और केमिकल प्रेग्नेंसी का रूप ले लेती है। जानिए IVF या IUI के बाद केमिकल प्रेग्नेंसी क्यों होती है?

क्या हैं केमिकल प्रेग्नेंसी

Clevelandclinic.org के मुताबिक प्रेग्नेंसी की बहुत शुरुआत में यानी पहले 5 हफ्तों के अंदर मिसकैरेज होने को केमिकल प्रेग्नेंसी कहते हैं। इसमें एम्ब्रियो बनता है और गर्भाशय की लाइनिंग के अंदर इंप्लांबट भी होता है लेकिन उसका विकास नहीं हो पाता है। कई बार औरतों को मिसकैरेज का एहसास तक नहीं होता है।

Why does miscarriage occur even after IVF?

Read: शरीर खोखला कर देगी Vitamin B12 की कमी, इस Vitamin की कमी से हो सकता है कैंसर और हार्ट फेल

किसे होती है केमिकल प्रेग्नेंसी

जिन महिलाओं को प्रजनन संबंधी परेशानियां जैसे कि इनफर्टिलिटी होती है, उन्हें खासतौर पर आईवीएफ के बाद केमिकल प्रेग्नेंसी की समस्या आती है। जो महिला नैचुरली कंसीव कर लेती हैं, उन्हें देर से पीरियड आने के रूप में केमिकल प्रेग्नेंसी दिखती है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि वो प्रेगनेंट हैं। IUI और IVF जैसी कृत्रिम प्रजनन तकनीकों का प्रयोग करने वाली महिलाएं ट्रीटमेंट (treatment) के ज्यादातर 14 दिनों के बाद टेस्ट (test) करती हैं, जिससे उन्हें प्रारंभिक गर्भावस्था का एहसास हो जाता है।

IVF के बाद केमिकल प्रेग्नेंसी होने के कारण

भ्रूण में कोई असामान्यता होने के कारण से केमिकल प्रेग्नेंसी होती है। केमिकल प्रेग्नेंसी और गर्भपात का सबसे बड़ा कारण भ्रूण में असामान्यता होना है। एक सामान्य भ्रूण में कई क्रोमोसोम होते हैं लेकिन एक असामान्य भ्रूण में क्रोमोसोम की संख्या अनुपातहीन होती है। इसके अलावा संरचनात्मक, क्रोमोसोमल, एपिजेनेटिसी और मेटाबोलिक कारकों के कारण से भी भ्रूण में असामान्यता आ सकती है। अधिक उम्र की महिलाओं और PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) से पीड़ित महिलाओं को IVF के दौरान भी भ्रूण संबंधी असामान्यताएं होने की अधिक संभावना रहती है।

Why does miscarriage occur even after IVF?

और भी कारण हैं

इसके अलावा इंप्लांकटेशन डिस्फंक्शेन, ऑटोइम्यू न समस्याएं, संक्रमण (विशेषकर यौन संचारित संक्रमण), थायराइड की समस्या, हार्मोनल असंतुलन, एंडोमेट्रियोसिस के कारण से भी केमिकल प्रेग्नेंसी हो सकती है।

IVF में केमिकल प्रेग्नेंसी से बचने के तरीके

यदि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोजेस्टेरोन नहीं बन पा रहा है और इसके कारण से आपका मिसकैरेज होने का खतरा है, तो डॉक्टर दवा या योनी के जरिए प्रोजेस्टेारोन दे सकते हैं। बेबी एस्पिरिन खून को पतला करने का काम करती है और कुछ महिलाओं में केमिकल प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद कर सकती है।

यदि किसी संक्रमण के कारण गर्भपात हुआ है, तो एंटीबायोटिक्स (antibiotics) का कोर्स दिया जाता है। वहीं गर्भाशय में असामान्यताएं कई मामलों में केमिकल प्रेग्नेंसी की वजह बन सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button